दीपावली से जुड़ी रोचक जानकारी हिंदी में। दीपावली क्यों मनाई जाती है तथा कैसे मनाई जाती हैं जानकारी हिंदी में

नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए इस पोस्ट में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए इस पोस्ट के द्वारा आप दिवाली के महत्व को समझ सकते हैं तथा दीपावली से जुड़ी सभी जानकारी को पढ़ सकते हैं कई लोगों को पता नहीं होता कि दिवाली क्यों मनाई जाती है कैसे मनाई जाती है इन सभी प्रश्नों का उत्तर हम आपके लिए लेकर आए इस पोस्ट में हम दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य को बताएंगे तथा साथ ही दिवाली कैसे मनाई जाती है वह भी बताएंगे

दीपाव दीपावली ली क्यों मनाई जाती है


दीपावली को मनाने का सबसे बड़ा कारण यही है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होना । इस दिन अयोध्या के राजा प्रभु श्री राम वनवास से लौटकर आए थे तथा अपने पराक्रम से महा घमंडी असुरों के राजा रावण का वध करके लौट रहे थे इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीपक चलाएं तथा अयोध्या में खुशी का माहौल बन गया था इसीलिए उस दिन से आज तक दीपावली का पर्व मनाया जाता है यह हिंदुओं बहुत ही बड़ा पर्व है इस दिन लोग अपने घरों में दीपक जलाते हैं तथा घरों की सफाई करते हैं यह त्योहार वर्ष में एक बार आता है जता हिंदुओं के लिए यह खुशी का त्योहार हैऐतिहासिक रुप से, दिवाली भारत में बहुत प्राचीन काल से मनाया जा रहा है जब, लोग इसे मुख्य फसल के त्यौहार के रुप में मनाते थे। हालाकिं कुछ इस विश्वास के साथ इस त्यौहार को मनाते है कि इस दिन देवी लक्ष्मी की शादी भगवान विष्णु के साथ हुई थी। बंगाली इस त्यौहार को माता काली (शक्ति की काली देवी) की पूजा करके मनाते है। हिन्दू इस शुभ त्यौहार को बुद्धिमत्ता के देवता गणेश (हाथी के सिर वाले भगवान) और माता लक्ष्मी (धन और समृद्धि की माता) का पूजा करके मनाते है।

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि दिवाली की उत्पत्ति इस प्रकार हुई; इस दिन देवी लक्ष्मी देवताओं और दानवों द्वारा बहुत लम्बे समय तक सागर मंथन के बाद दूध (क्षीर सागर) के समुन्द्र से बाहर आई। वह ब्रह्माण्ड में मानवता के उद्धार के लिये धन और समृद्धि प्रदान करने के लिये अवतरित हुई। इनका स्वागत और सम्मान करने के लिये लोगों ने देवी लक्ष्मी की पूजा की। वे बहुत खुश थे इसलिये उन्होंने एक दूसरे को मिठाईयॉ और उपहार वितरित किये।


पांच दिनों के दिवाली समारोह हैं:
धनतृयोदशी या धनतेरस या धनवंन्तरी तृयोदशी: धनतेरस का अर्थ है(धन का अर्थ है संपत्ति और तृयोदशी का अर्थ है 13वाँ दिन) चंद्र मास के 2 छमाही के 13वें दिन में घर के लिए धन का आना। इस शुभ दिन पर लोग बर्तन, सोना खरीदकर धन के रूप में घर लाते है। यह भगवान धनवंतरी (देवताओं के चिकित्सक) की जयंती (जन्मदिन की सालगिरह) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिनकी (देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन के दौरान) उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी।

नरक चतुर्दशी: नरक चतुर्दशी 14वें दिन पडती है, जब भगवान कृष्ण (भगवान विष्णु के अवतार) ने राक्षस नरकासुर को मारा था। यह बुराई की सत्ता या अंधकार पर अच्छाई या प्रकाश की विजय के संकेत के रुप में जश्न मनाया जाता है। आज के दिन लोग जल्दी (सूर्योदय से पहले) सुबह उठते है, और एक खुशबूदार तेल और स्नान के साथ ही नये कपडे पहनकर तैयार होते है।तब वे सभी अपने घरों के आसपास बहुत से दीपक जलाते है और घर के बाहर रंगोली बनाते है। वे अपने भगवान कृष्ण या विष्णु की भी एक अनूठी पूजा करवाते है। सूर्योदय से पहले स्नान करने का महत्व गंगा के पवित्र जल में स्नान करने के बराबर है। पूजा करने के बाद वे राक्षस को हराने के महत्व में पटाखे जलाते है। लोग पूरी तरह से अपने परिवार और दोस्तों के साथ उनके नाश्ता और लंच करते है।

लक्ष्मी पूजा: यह मुख्य दिन दीवाली जो लक्ष्मी पूजा (धन की देवी) और गणेश पूजा (सभी बाधाओं को हटा जो ज्ञान के देवता) के साथ पूरी होती है। महान पूजा के बाद वे अपने घर की समृद्धि और भलाई का स्वागत करने के लिए सड़कों और घरों पर मिट्टी के दीये जलाते है।

बाली प्रतिप्रदा और गोवर्धन पूजा: यह उत्तर भारत में गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र के गर्व को पराजित करके लगातार बारिश और बाढ से बहुत से लोगों (गोकुलवासी) और मवेशियों के जीवन की रक्षा करने के महत्व के रुप में इस दिन जश्न मनाते है। अन्नकूट मनाने के महत्व के रुप में लोग बडी मात्रा में भोजन की सजावट(कृष्ण द्वारा गोवर्धन पहाडी उठाने प्रतीक के रुप में) करते है और पूजा करते है।यह दिन कुछ स्थानों पर दानव राजा बाली पर भगवान विष्णु (वामन) की जीत मनाने के लिये भी बाली-प्रतिप्रदा या बाली पद्धमी के रूप में मनाया जाता है। कुछ स्थानों जैसे महाराष्ट्र में यह दिन पडवा या नव दिवस (अर्थात् नया दिन) के रुप में भी मनाया जाता है और सभी पति अपनी पत्नियों को उपहार देते है। गुजरात में यह विक्रम संवत् नाम से कैलेंडर के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है।

यम द्वितीया या भाई दूज: यह भाइयों और बहनों का त्यौहार है जो एक दूसरे के लिए अपने प्यार और देखभाल का प्रतीक है। यह जश्न मनाने के महत्व के पीछे यम की कहानी (मृत्यु के देवता) है। आज के दिन यम अपनी बहन यामी (यमुना) से मिलने आये और अपनी बहन द्बारा उनका आरती के साथ स्वागत हुआ और उन्होंने साथ में खाना भी खाया। उन्होनें अपनी बहन को उपहार भी दिया।











दीपावली से जुड़ी रोचक जानकारी हिंदी में। दीपावली क्यों मनाई जाती है तथा कैसे मनाई जाती हैं जानकारी हिंदी में दीपावली से जुड़ी रोचक जानकारी हिंदी में। दीपावली क्यों मनाई जाती है तथा कैसे मनाई जाती हैं जानकारी हिंदी में Reviewed by Shanker dangi on अक्तूबर 27, 2018 Rating: 5

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